स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
माता-पिता भ्राता सब होई। संकट more info में पूछत नहिं कोई॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन shiv chalisa in hindi उबारो॥
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
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